CFL बिजली तो बचाती है किंतु यदि हम थोड़ा चूक जाएं ,तो फिर जान नहीं बचती है,

CFL बिजली तो बचाती है किंतु यदि हम थोड़ा चूक जाएं ,तो फिर जान नहीं बचती है,समझें और सावधान रहें...


ये कहानी
कनाडा के रहने वाले
स्मिथ की है,
जिनका पैर अब काटा जाना है.
इन्हें CFL बल्ब का इस्तेमाल
या यूँ कहें कि इस्तेमाल में की गई लापरवाही बहुत
भारी पड़ी
हम सब जानते हैं
कि CFL बल्ब कितनी बिजली बचाते हैं,
लेकिन ज्यादातर लोग
यह नहीं जानते कि
इन बल्बों में पारा (Mercury) पाया जाता है जो कि
शरीर में चले जाने पर
बहुत ही घातक साबित होता है.
स्मिथ ने ऐसे ही एक बल्ब के
ठन्डे होने का इन्तज़ार नहीं किया और उसे होल्डर से निकालकर बदलने की कोशिश करते हुए  ज़मीन पर गिरा दिया
ज़मीन पर
गिरते ही बल्ब टूट गया
और काँच के टुकड़े बिखर गए.
स्मिथ नंगे पैर थे
और अंधेरे में उनका पैर
काँच के एक टुकड़े पर पड़ गया
और बल्ब में उपस्थित पारा घाव के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर गया.
उन्हें 2 महीने
ICU में रखा गया और अब उन्हें अपने पैर को
खो देने का डर है.
आज जानना ज़रूरी है
कि CFL के टूट जाने पर क्या करें...
१) कभी भी तुरन्त CFL ना बदलें.उसके ठन्डे होने का इन्तज़ार करें
२) CFL टूट जाने पर
तुरन्त कमरे से निकल जाएँ
ध्यान रखें कि पैर काँच के
टुकड़े पर ना पड़ जाए
३) पंखे एसी इत्यादि
बन्द कर दें जिससे
पारा कहीं भी फैल ना सके
४) कम से कम 15-20 मिनट बाद ही कमरे में प्रवेश करके टूटे हुए काँच को साफ़ करें.पंखा बन्द रखें
और मुँह को ढाँक कर रखें
दस्ताने पहनें और कार्डबोर्ड की मदद से काँच समेटें
झाड़ू का इस्तेमाल ना करें
क्यूँकि इससे पारे के
फ़ैलने का डर रहता है.काँच के बारीक कण टेप की मदद से चिपका कर साफ़ करें.
५) कचरा फेंकने के बाद साबुन से हाथ धोना ना भूलें.
६) यदिकिसी कारणवश
चोट लग जाए तो तुरन्त चिकित्सक को
दिखाएँ और उसे चोट के बारे में सारी जानकारी दें.
सीसे और आर्सेनिक
से भी कहीं अधिक ज़हरीला और घातक पारा होता है.
इसलिए CFL का प्रयोग करते समय बहुत सावधानी रखें.
इस जानकारी को
अधिक से अधिक शेयर करें तथा अपने परिचितों को भी बताएँ,
ताकि कोई अन्य ऐसी
दुर्घटना की चपेट में ना आए. 


 जनहित मे जारी 😊🙏