नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन


मुजफ्फरनगर। घुसपैठियो को निकालने के लिए लाए गए नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शहर में अलग अलग प्रदर्शन करते हुए केन्द्र सरकार तथा भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। सपा और कांग्रेस ने इस बिल को देश में एक बार फिर से धार्मिक आधार पर बंटवारा और असुरक्षा की भावना को पैदा करने वाला बताते हुए बिल की प्रतियों को जलाकर रोष जताया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जुलूस के रूप में अहिल्याबाई होल्कर चैराहे पर पहुंचे और सपा युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष शमशेर मलिक के नेतृत्व में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया। सपा कार्यकर्ताओं ने रोष जताते हए कहा कि यह बिल देश की धर्मनिरपेक्ष छवि तथा संविधान के खिलाफ है। शमशेर मलिक ने कहा कि यह बिल भेदभाव पैदा करने वाला साबित होगा। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यक बौद्ध, जैन, हिन्दु, पारसी व ईसाई तथा सिख गैर कानुनी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की स्वीकृति देने वाला है। यह बिल मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने की इजाजत नहीं देता है। जबकि भारतीय संविधान का अनुच्छेद-14 धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव करने की स्वीकृति नहीं देता है। यह नागरिकता संशोधन बिल मानवता और संविधान विरोधी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में धार्मिक बंटवारा करते हुए पाकिस्तान को जन्म दिया गया, अब फिर से केन्द्र सरकार ऐसी ही गलती दोहराने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को शामिल किया गया है, लेकिन चीन, श्रीलंका और म्यांमार को छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, इसमें कोई भी भेदभाव नहीं होना चाहिए। आज ऐसे मामलों को लाकर केन्द्र सरकार लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी और अन्य समस्याओं से फेरने का प्रयास कर रही ! दूसरी ओर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जुनैद रऊफ के नेतृत्व में भी कांग्रेसियों ने केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा में पारित कराये गये नागरिकता संशोधन बिल 2019 का विरोध करते हुए इसे देश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाला बताया। कांग्रेसियों ने भी बिल की प्रतियां जलायी।